लेखनी कविता - मकान - कैफ़ी आज़मी

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मकान / कैफ़ी आज़मी आज की रात बहुत गर्म हवा चलती है आज की रात न फ़ुटपाथ पे नींद आएगी सब उठो, मैं भी उठूँ, तुम भी उठो, तुम भी उठो ...

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